कोशिका विभाजन ( CELL DIVISION )
एक कोशिका का टूटकर दो या अधिक कोशिका का निर्माण कर देना कोशिका विभाजन कहलाता है |
⇨जिस कोशिका का विभाजन होता है उसे mother cell कहते है तथा विभाजन के बाद बनने वाली नई कोशिका को daughter cell कहते है |
⇨ जन्तुओं में कोशिका विभाजन centrosome करता है |
⇨ पादपों में कोशिका विभाजन cell plate द्वारा होता है |
⇨ कोशिका विभाजन तीन प्रकार से होता है -
- असूत्री विभाजन ( Amitosis )
- समसूत्री विभाजन ( Mitosis )
- अर्द्धसूत्री विभाजन ( Miosis )
1. असूत्री विभाजन ( Amitosis )
यह विभाजन जीवाणु , विषाणु , सूक्ष्म जीव तथा procaryotic में होता है |
⇨ इस प्रकार के विभाजन में mother cell का आकर बड़ा होने लगता है | उसके आगे चलकर वह बीच में धंस जाता है और दो भागों में बँट जाता है |
2. समसूत्री विभाजन ( Mitosis )
यह विभाजन कायिक कोशिका ( sometic cell ) में होता है |
⇨ जनन कोशिका ( ovum & sperm ) को छोड़कर पूरा शरीर कटिय कोशिका का बना होता है |
⇨ इसमे एक mother cell टूटकर दो douthter cell का निर्माण करती है |
⇨ दोनों ही doughter cell में cromosome समान संख्या में रहते है | अतः इसे समसूत्री विभाजन ( Mitosis ) कहते है | इसकी पांच अवस्थाएं होती हैं -
- Inter Phase :- यह सबसे बड़ी अवस्था है इसमें DNA का निर्माण होता है तथा cromosome अलग हो जाते है |
- Pro - Phase :- इसमें Slinder - Fiber ( तुर्क धागा ) का निर्माण प्रारंभ होता है तथा केन्द्रक का विभाजन हो जाता है |
- Meta - Phase :- इसमें Slinder - Fiber ( तुर्क धागा ) का निर्माण पूर्ण हो जाता है | अध्ययन के सुविधा के अनुसार यह सबसे महत्वपूर्ण अवस्था है |
- Ana - Phase :- यह सबसे छोटी अवस्था है | इसमें cromosome तथा कोशिका के अंग ध्रुवों की ओर चले जाते है |
- Telo - Phase :- यह सबसे अंतिम अवस्था है इसमें विभाजन का कार्य पूर्ण हो जाता है और कोशिका के सभी अंग आ चुके होते है और Slinder - Fiber गायब हो जाता है |
Remark :- (a ) कोशिका में होने वाले निरंतर टूट फुट की भरपाई समसूत्री विभाजन द्वारा होता है |
(b) छिपकली तथा चूहा का पूंछ समसूत्री विभाजन द्वारा दुबारा निकल जाता है |
3. अर्द्धसूत्री विभाजन ( Miosis )
यह विभाजन केवल जनन कोशिका ( sperm & ovum ) में होता है |
⇨ इसमें cromosome की संख्या घटकर आधी हो जाती है |
⇨ इसमें एक मृत कोशिका चार पुत्री कोशिकाओं में बँट जाती है |
⇨ इसमें crossing over की घटना होती है |
⇨ इनका prophase अवस्था की घटना होती है |
⇨ इनका prophase अवस्था सबसे बड़ा होता है |
सिण्ड्रोम ( Syndrom )
cromosome में होने वाले अनियमितता को सिण्ड्रोम कहते है | इसके कारण शरीर में असामान्य लक्षण उभर जाते है |
⇨ टर्नर सिण्ड्रोम - इसमे cromosome की संख्या 45 हो जाती है | यह केवल स्त्रियों में पाई जाती है | इसमे स्त्रियों का शरीर अविकसित होता है तथा उनमें बाँझपन देखा जाता है |
⇨ क्लिनेफेल्टर सिण्ड्रोम - इसमें cromosome की संख्या 47 हो जाती है | यह केवल पुरुषो में पाई जाती है | इसमे पुरुष नपुंसक हो जाते है |
⇨ डाउन्स सिण्ड्रोम - इसमें cromosome की संख्या 4 7 हो जाती है | यह male तथा female दोनों को हो सकता है | इसमें शरीर बेडोल हो जाता है | जीभ तथा होंठ मोटा हो जाता है | मनुष्य मंद बुद्धि का हो जाता है | ऐसे व्यक्ति को मंगोलाईयड कहते है |
⇨ पटाऊ सिण्ड्रोम - इसमें cromosome की संख्या 4 7 हो जाते है | यह male और female दोनों में हो सकता है | इसमें व्यक्ति मंद बुद्धि का होता है और उसके ऊपर का होंठ कटा होता है |